उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ मंदिर से 50 मीटर की दूरी पर मोबाइल फ़ोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। इस फैसले का उद्देश्य श्रद्धालुओं के लिए सुगम दर्शन अनुभव सुनिश्चित करना है। कड़ाई से अमल किया जाएगा और जुर्माने का प्रावधान है। जिला प्रशासन को इस प्रतिबंध को लागू करने का निर्देश दिया गया है। श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए दिशा-निर्देशों का पालन करें।
चारधाम यात्रा के दौरान उत्तराखंड सरकार ने केदारनाथ मंदिर से 50 मीटर की दूरी पर मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। यह फैसला श्रद्धालुओं के लिए बेहतर दर्शन अनुभव सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
सख्त प्रवर्तन और दंड
उत्तराखंड के मुख्य सचिव राधा रतूरी ने कहा है कि मंदिर के निर्धारित दायरे में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह निर्णय मंदिर परिसर के अंदर मोबाइल फोन के इस्तेमाल से होने वाली बाधाओं को देखते हुए लिया गया है, जिससे श्रद्धालुओं के दर्शन अनुभव पर असर पड़ता है।
जिला प्राधिकारियों को निर्देश
मुख्य सचिव रतूरी ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को मंदिर के निर्धारित दूरी के दायरे में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्देश दिया है। इस कदम का उद्देश्य मंदिर की पवित्रता बनाए रखना और श्रद्धालुओं के आध्यात्मिक अनुभव को बेहतर बनाना है।
भक्तों से अनुपालन करने का आग्रह किया
उत्तराखंड सरकार के इस निर्णय से मंदिर के आसपास शांति और अनुशासन बनाए रखने पर जोर दिया गया है। श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे प्रशासन के साथ सहयोग करें और निर्धारित दूरी के दायरे में मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें ताकि सुचारू और निर्बाध दर्शन हो सके।
उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए
उत्तराखंड सरकार ने चल रही चारधाम यात्रा के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। श्रद्धालुओं से पंजीकरण कराने और सावधानी बरतने की अपील की गई है ताकि यात्रा सुरक्षित और शांतिपूर्ण रहे।
पंजीकरण की आवश्यकता और यात्रा प्रारंभ
सरकार ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि कोई भी श्रद्धालु पंजीकरण के बिना चारधाम यात्रा पर न जाए। वर्ष 2024 की चारधाम यात्रा पारंपरिक विधि और भजन गायन के साथ 1 मई को केदारनाथ मंदिर के खुलने से शुरू हुई। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के द्वार 10 मई को खुले, इसके बाद 12 मई को बदरीनाथ धाम खोला गया।
पुलिस दिशानिर्देश और संचालन
श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे बिना पंजीकरण के यात्रा पर न निकलें। ‘ऑपरेशन मर्यादा’ नामक अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत लोगों से यात्रा मार्ग पर शोभायोग्य व्यवहार करने और शराब या नशीली दवाओं का सेवन नहीं करने की अपील की गई है।
सहयोग और सम्मान की अपील
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने 31 मई तक किसी भी वीआईपी को चारधाम दर्शन के लिए न भेजने का अनुरोध किया है क्योंकि अप्रत्याशित भीड़ है। अधिकारी श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुचारु यात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने सभी से अनुरोध किया है कि वे यात्रा की पवित्रता बनाए रखते हुए आचरण करें।
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चारधाम यात्रा का महत्व
चारधाम यात्रा हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसी पवित्र स्थलों की यात्रा शामिल है। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस यात्रा को करने से आध्यात्मिक मुक्ति और दिव्य आशीर्वाद मिलता है।
इस तरह उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा के दौरान शांति और सुव्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। मोबाइल फोन पर प्रतिबंध, पंजीकरण की आवश्यकता और अनुशासन बनाए रखने जैसे उपाय यात्रा के समुचित संचालन और श्रद्धालुओं के आराम को सुनिश्चित करेंगे। सभी पक्षों से अपेक्षा है कि वे मंदिरों की गरिमा और पवित्रता का सम्मान करेंगे।
इस महत्वपूर्ण और पवित्र यात्रा के दौरान कोई भी गड़बड़ी न हो, इसके लिए सरकार ने व्यापक इंतजाम किए हैं। यात्रा के सुचारू संचालन में सभी पक्षों – प्रशासन, पुलिस और श्रद्धालुओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। आशा है कि सभी इन दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे और आध्यात्मिक यात्रा का आनंद लेंगे।
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